अच्छी पैदावार के लिये मुली की खेती मे रखे 10 बातो का ध्यान ।   उन्नत खेती के लिये क्या करे  खेती समाचार 

रेतीले दोमट और भुरभुरी मिट्टी आवश्यक है इससे मुली की जडो मे विकास अच्छा होता है । 

 मुली की खेती योग्य भुमी

मुली की फसल रबी की फसल होती है, मध्य सितंबर-अक्तूबर एंव तापमान 18-25°C एंव वर्षा  100-225cm कि आवश्यकता होती है । 

 मुली की खेती योग्य जलवायु 

गोबर की खाद (गली हुई ) 4-5 टन/एकड़ पूरी मात्रा जुताई के समय खेत मे डाले एंव नाट्रोजन, फास्फोरस, सुपर फास्फेट, पोटैशियम खेत कि आवश्यक्ता अनुसार डाले । 

  मुली की खेती योग्य खाद 

पूसा देशी, पूसा चेतकी, पुसा हिमानी,हिमानी,अरका निसांत, रेपिड रेड,जापानी व्हाईट , पालम ह्रदय  आदि मुली की प्रमुख किस्मे है ।   

 मुली की खेती योग्य उन्नत किस्मे 

मुली की खेती के लिये भुमी मे नमी आवश्यक है ओर सर्दियो मे 10 से 15 दिनो के अंतराल मे सिंचाई करे ।    

 मुली की खेती के लिये सिंचाई 

मुली की खेती मे 4 से 5 kg/एकड काफी होता है ओर अच्छी पैदावार के खेत मे मेड बना लेवे । मेड़ों की दूरी- 30-45 cm,बीज की गहराई- 1.5 cm होनी चाहिये ।  

मुली की खेती मे बीज दर

 मुली की खेती मे मुख्यत जड गलन रोग आता है जिसके निवारण के लिये किसान बुवाई से पहले बाविस्टिन या थिरम से बीज को उपचारित कर ले 

मुली की खेती मे रोग एंव निवारण 

 मुली की खेती करने के लिये किसान भाई खेत की हल सेअच्छी तरह से जुताई ओर जुताई के पाटा फेरे ओर गोबर की सडी हुई खाद भुमी मे मिला दे । 

 मुली की खेती योग्य जमीन की तैयारी 

खरपतवार नियंत्रण  के लिये समय समय पर निराई गुडाई करते रहे या बुवाई से पहले पेंडीमेथलीन 30 EC का 1200 मिली लीटर/एकड़ मे छिडकाव  करे  

 मुली की खेती मे खरपतवार नियंत्रण 

 मुली की खेती मे फसल की कटाई हाथो से उखाड कर कि जाती है बिजाई के 26 -60 दिनो के बाद कटाई कि जाती है फिर जडो को साफ कर बाजार मे बेचने के लिये तैयार 

 मुली की फसल की कटाई