मटर की खेती मे बम्पर पैदावार के लिये 10 महत्वपुर्ण टिप्स । Peas Farming

मटर की उन्नत किस्मे
JM-6,KPMR-400 पुसा प्रभात,आर्केल, लिंकन,बोनविला आदि प्रमुख मटर की उन्नत किस्मे है ।
मटर की खेती मे बम्पर पैदावार के लिये 10 महत्वपुर्ण टिप्स
मटर की खेती का समय
अगेती किस्म के लिये अक्टूबर से नवंबर के महीने मे ओर पछेती क़िस्मों के लिए बीज की रोपाई नवंबर माह के अंत में की जाती है |
मटर की उरवर्क खाद
मटर की खेती मे खाद भुमी के चयन के अनुसार करे ।मटर की खेती में सामान्यत: 20 किग्रा, नाइट्रोजन एवं 60 किग्रा. फास्फोरस बुआई के समय देना पर्याप्त होता है।
मटर की खेती मे बम्पर पैदावार के लिये 10 महत्वपुर्ण टिप्स
मटर की खेती के लिए जलवायु
यह रबी की फसल है , समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलवायु मटर की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है । आवश्यक तापमान 5 Cसे 30 C तक । 500 मिमी की आदर्श वर्षा की आवश्यकता होती है।
मटर की खेती खेत की तैयारी
खरीफ की फसल के बाद खेत को अच्छी तरह से पाटा या रुटावेटर लगा कर समतल कर ले ओर समय समय पर निराई गुडाई करते रहे ।
मटर की खेती मे रोग व निवारण
फलीछेदक रोग एंव नियंत्रण हेतु दवा प्रोफेनोफॉस 50: ई.सी. , 1.5 मि.ली./ली. पानी की दर से छिड़काव करे।
मटर की खेती मे सिंचाई
वैसे तो मटर की खेती मे सिंचाई भुमी की नमी ओर शीत ऋतु को देख कर 2 से 3 बार करनी चाहिये लेकिन आप अपनी जलवायु के आधार पर ओर विषेसज्ञ से सलाह ले ।
मटर की खेती बीजोउपचार
मटर की खेती मे बीजोउपचार के लिये जैविक खाद को 50 gm गुड को 1/2 litr पानी मे गुनगुना कर ठंडा कर मिला कर उपजारित करे ।
मटर की खेती भुमी
अधिक उत्पादन हेतु दोमट और बलुई भूमि जिसका पी.एच.मान. 6-7.5 हो तो अधिक उपयुक्त होती है। बुवाई कतार में करनी चाहिये ।
- मटर की खेती मे उत्पादन
- उन्नत तकनीक से खेती करने से 22-24 क्विं. प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त हो सकती है ।